मंगलवार, 29 अगस्त 2017

Success Story(श्रीकांत बोला)

इस ब्लाइंड ब्वॉय ने बना ली 80cr की कंपनी

Blind CEO owns company worth rs 50 cr

कड़ी मेहनत और लगन से कई लोग सफल हुए हैं, लेकिन एक शख्स ऐसा भी है, जिसने ब्लाइंड होते हुए भी अपनी मंजिल तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की।

कड़ी मेहनत और लगन से कई लोग सफल हुए हैं, लेकिन एक शख्स ऐसा भी है, जिसने ब्लाइंड होते हुए भी अपनी मंजिल तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की। हम बात कर रहे हैं श्रीकांत बोला की। जन्म के बाद कुछ रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने श्रीकांत के माता-पिता को उसे पैदा होते ही मार देने को कहा था, लेकिन उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था। वे आज 80 करोड़ रुपए की कंज्यूमर फूड पैकेजिंग कंपनी बौलेंट इंडस्ट्रीज के CEO हैं।

23 साल की उम्र में ही खड़ी कर दी बड़ी कंपनी :

 श्रीकांत बोला का बचपन कठिनाइयों में गुजरा। उनके माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं थे। श्रीकांत के जन्म (1993) के समय माता-पिता की मासिक कमाई लगभग 1,600 रुपए थी। इस कारण श्रीकांत का बचपन कठिनाइयों में बीता। जब किसी के घर में बेटे का जन्म होता है, तो मां-बाप रिश्तेदार खुशी से झूम उठते हैं, लेकिन श्रीकांत के जन्म के वक्त ऐसा कुछ नहीं हुआ। जब श्रीकांत का जन्म हुआ था तो उनके पड़ोसियों और गांव वालों ने कहा कि यह ब्लाइंड है, इसे मार दो। हालांकि, किसे पता था कि 23 साल बाद यही लड़का 80 करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर देगा।


श्रीकांत बोला



हैदराबाद के श्रीकांत बोला का बचपन कई कठिनाइयों से गुजरा। उनके परिवार की मासिक आय लगभग 1,600 रुपए थी। आपको ये जानकार हैरत होगी कि जब श्रीकांत का जन्म हुआ, तो उनके कुछ रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने श्रीकांत के माता-पिता को उनके पैदा होते ही उन्हें मार देने को कहा था।
लेकिन श्रीकांत की किस्मत में कुछ और ही था। किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है, जो खुद पर भरोसा और अपनी मेहनत से कुछ कर दिखाने का दम रखते हैंं।
श्रीकांत बचपन से ही पढ़ने में तेज थे। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद श्रीकांत ने 10वीं अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की। उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई, वह दसवीं के बाद साइंस पढ़ना चाहते थे। लेकिन उनके ब्लाइंड होने के कारण, उन्हें इसकी इजाज़त नहीं मिली।
श्रीकांत भी कहां हार मानने वालों में से थे। कई महीनों की लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार श्रीकांत को साइंस पढ़ने की इजाज़त मिली और इसी के साथ श्रीकांत देश के पहले ब्लाइंड बने, जिन्हें दसवीं के बाद साइंस पढ़ने की अनुमति मिली।
Blind CEO owns company worth rs 50 cr
इसके बाद श्रीकांत ने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। श्रीकांत को अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करते ही अमेरिका के मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (MIT) में प्रवेश मिला। इसी के साथ ही श्रीकांत देश के पहले ऐसे ब्लाइंड स्टूंडेंट बने, जिन्होंने MIT से शिक्षा प्राप्त की।
Blind CEO owns company worth rs 50 cr
अमेरिका से अपनी शिक्षा लेने के बाद श्रीकांत ने हैदराबाद में अपनी कंपनी की शुरुआत की। श्रीकांत ने लोगों के खाने-पीने के समान की पैकिंग के लिए कंज्यूमर फूड पैकेजिंग कंपनी का गठन किया। इस कंपनी की शुरुआत श्रीकांत ने 8 लोगों की एक टीम से की।
उन्होंने इस कंपनी में सबसे पहले आस-पास के बेरोजगार लोगों को जोड़ा। जिसमें श्रीकांत ने ब्लाइंड लोगों को काम दिया। जब श्रीकांत की कंपनी अच्छी रफ़्तार पकड़ने लगी तो फंडिंग की दिक्कत आना शुरू हुई।


लेकिन श्रीकांत इससे पीछे हटने वाले थोड़ी थे, उन्होंने कई फंडिंग कंपनियों से और निजी बैंकों से फंड जुटाकर अपने काम को आगे बढ़ाया। श्रीकांत की कंपनी ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। आज श्रीकांत की कंपनी के तेलंगाना और हैदराबाद में चार प्लांट है, जिसमें हज़ारों की संख्या में कर्मचारी कार्यरत है।
श्रीकांत कहते हैं कि जब सारी दुनिया उनसे कहती थी कि वह कुछ नहीं कर सकते तो वह उनसे कहते थे कि वह सब कुछ कर सकते हैं। आज जिस मुकाम पर श्रीकांत हैं, उन्होंने अपनी इस बात को साकार भी कर दिखाया है। श्रीकांत कहते है कि अगर आपको अपनी जिंदगी की जंग जीतनी है, तो सबसे बुरे समय में धैर्य बनाकर रखने से सफलता जरूर मिलेगी।

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